सुन्दरकाण्ड मूल/ Sundarakand- Mool

85.00

Description

श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्री रामचरितमानस के इस संस्करण में सुंदरकांड एवं श्रीहनुमानचालीसा के साथ ही साथ श्रीरामायणजी की एवं श्रीहनुमानजी की आरती आदि भी मूल में दी गयी है। 80 पेज में प्रस्तुत है गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्रीरामचरितमानस सुंदरकांड श्रीहनुमानचालीसा सहित मूल में ।

Additional information

Weight 0.3 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.