सरस-प्रसंग/ Saras- Prasang

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Description

परम श्रद्धेय ‘भाईजी’ पूज्य श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार की अपनी एक विशिष्ट शैली थी कि वे कठिन विषयों को सरल सुबोश भाषा में व्यक्त करते थे| वे दृष्टांतों के द्वारा गूढ़ शास्त्र-वचनों को भी लोगों को हृदयंगम करा देते थे| ये सभी प्रसंग भाईजी के प्रवचनों और लेखों से संकलित किये गए है जो प्रत्येक कल्याणकारी आबाल वृद्ध नर-नारी के लिये प्रेरक तथा पथ प्रदर्शक होंगे|

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