सत्यप्रेमी हरिश्चन्द्र/ Satyapremi Harischandra

17.00

सत्यप्रेमी हरिश्चन्द्र‘ आदर्श चरितमालाका दूसरा पुष्प है। श्रीहरिचन्द्रका चरित्र अनेकों ग्रन्थोंमें बिखरा हुआ है और वह बहुत ही आक्षर्यजनक है। पण्डितजीने प्रायसभी अन्धोंमें बहुत खोजकर संक्षेपमें यह चरित्र लिखा है । हरिचन्द्रकी सत्यवादिता और धर्मपर दृढ़ता आदर्श है। यह सत्य है कि जो अपने धर्म और सत्यपर दृढ़ रहता हैकिसी भी परीक्षामें पीछे नहीं हटतावह अन्तमें भगवान्की अपार कृपाको प्राप्त करके धन्यजीवन हो जाता है। हरिश्चन्द्रका जीवन इसका ज्वलन्त उदाहरण है। सत्यसे बहुत नीचे गिरे हुए हम भारतवासियोंको अपने पूर्वपुरुषके गौरवपूर्ण चरित्रसे लाभ उठाना चाहिये।

Description

सत्यप्रेमी हरिश्चन्द्र‘ आदर्श चरितमालाका दूसरा पुष्प है। श्रीहरिचन्द्रका चरित्र अनेकों ग्रन्थोंमें बिखरा हुआ है और वह बहुत ही आक्षर्यजनक है। पण्डितजीने प्रायसभी अन्धोंमें बहुत खोजकर संक्षेपमें यह चरित्र लिखा है । हरिचन्द्रकी सत्यवादिता और धर्मपर दृढ़ता आदर्श है। यह सत्य है कि जो अपने धर्म और सत्यपर दृढ़ रहता हैकिसी भी परीक्षामें पीछे नहीं हटतावह अन्तमें भगवान्की अपार कृपाको प्राप्त करके धन्यजीवन हो जाता है। हरिश्चन्द्रका जीवन इसका ज्वलन्त उदाहरण है। सत्यसे बहुत नीचे गिरे हुए हम भारतवासियोंको अपने पूर्वपुरुषके गौरवपूर्ण चरित्रसे लाभ उठाना चाहिये।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “सत्यप्रेमी हरिश्चन्द्र/ Satyapremi Harischandra”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related products