Description
संत भगवत-शक्ति का एक ही स्वरूप हैं। संतो का दिलदे कोमल होता है | जैसे जल का सहज स्वभाव होता है हर- एक को शीतलता प्रदान करना होता है, वैसे ही संतो का सहज स्वभाव होता है- दुखी एवं संतप्त जीवो पर करुणा करके उनके दुखों को, उनके संकटो को दूर करने का उपाय बताकर उनके कल्याणकारी मार्ग को अग्रसर करना है यदि किसी जीव में यह गुण हैं तो किसी भी वेश में, जो संत हैं और किसी संतवेश धारी में यह गुण-लक्षण नहीं हैं, तो। वह संत नहीं है-यह परम सत्य
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