श्री बांकेबिहारी विनय पचासा/ Shree Bankebihari Vinay pachasa

30.00

“श्री बांके बिहारी विनय पचासा” एक प्रसिद्ध भजन है जो श्री कृष्ण के गुणों की महिमा का गान करता है। यह भजन बांके बिहारी जी के भक्तों द्वारा गाया जाता है और उनकी भक्ति का प्रतीक है।

यहाँ “श्री बांके बिहारी विनय पचासा” भजन के कुछ पंक्तियाँ हैं:

“बांके बिहारी की आरती, गउँ की मूरति प्यारी।
मुक्तियों की देवी, तू है मुझको मिली॥”

यह भजन भक्तों को श्री कृष्ण के भव्य स्वरूप की प्रार्थना करता है और उनके गुणों की प्रशंसा करता है। इसके माध्यम से, भक्त अपनी भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति करते हैं और भगवान के चरणों में समर्पित होते हैं।

“श्री बांके बिहारी विनय पचासा” भजन को भक्तों के द्वारा विभिन्न आराधना स्थलों और सामाजिक आयोजनों में गाया और सुना जाता है। इसके गाने से भक्तों में आनंद और आत्मीय संबंध की भावना उत्पन्न होती है।

Description

“श्री बांके बिहारी विनय पचासा” एक प्रसिद्ध भजन है जो श्री कृष्ण के गुणों की महिमा का गान करता है। यह भजन बांके बिहारी जी के भक्तों द्वारा गाया जाता है और उनकी भक्ति का प्रतीक है।

यहाँ “श्री बांके बिहारी विनय पचासा” भजन के कुछ पंक्तियाँ हैं:

“बांके बिहारी की आरती, गउँ की मूरति प्यारी।
मुक्तियों की देवी, तू है मुझको मिली॥”

यह भजन भक्तों को श्री कृष्ण के भव्य स्वरूप की प्रार्थना करता है और उनके गुणों की प्रशंसा करता है। इसके माध्यम से, भक्त अपनी भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति करते हैं और भगवान के चरणों में समर्पित होते हैं।

“श्री बांके बिहारी विनय पचासा” भजन को भक्तों के द्वारा विभिन्न आराधना स्थलों और सामाजिक आयोजनों में गाया और सुना जाता है। इसके गाने से भक्तों में आनंद और आत्मीय संबंध की भावना उत्पन्न होती है।

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Weight 0.5 g

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