Description
दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले पुस्तक को लाल कपड़े पर रखकर उस पर अक्षत और फूल चढ़ाएं. पूजा करने के बाद ही किताब पढ़ना शुरू करें. -नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र ”ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे” का जाप करना जरूरी होता है.
नंदा, शाकम्भरी, भीमा ये तीन सप्तशती पाठ की महाशक्तियां तथा दुर्गा, रक्तदन्तिका व भ्रामरी को सप्तशती स्तोत्र का बीज कहा गया है। … अन्य तांत्रिक साधनाओं में ‘ऐं’ मंत्र सरस्वती का, ‘ह्रीं महालक्ष्मी का तथा ‘क्लीं’ महाकाली बीज है। तीनों बीजाक्षर ऐं ह्रीं क्लीं किसी भी तंत्र साधना हेतु आवश्यक तथा आधार माने गए हैं।
दुर्गा सप्तशती जिसे देवी महात्म्य और चंडी पथ के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जो राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का वर्णन करता है। यह ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है।
Additional information
| Weight | 0.4 g |
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