श्रीसूर्यसहस्त्रनामस्तोत्र/ Shree Surya Sahastrannam Stotra

22.00

Description

श्री सूर्यदेव पूरे ब्रह्माण्ड के जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत हैं। किसी एक प्राणी अथवा समस्त प्राणियों के पास संयुक्त रूप से जीवनदायी सूर्य रष्मियों का कोई विकल्प नहीं है। सूर्यदेव सर्वशक्तिमान, वैभवषाली प्रकट देव हैं। विश्व के अनेक राजा और प्रशासक सूर्यवंश से सम्बन्धित हैं और उनका प्रतिनिधित्व करते हैं।
श्री सूर्य सहस्रनाम भास्कर देवता के १००० गुण हैं। सूर्य का प्रत्येक नाम अत्यन्त महिमाकारी है और चेतना का एक-एक गुण है। सहस्रनाम का पाठ या श्रवण करने वाले की चेतना में और वातावरण में सूर्य के समस्त गुणों का जागरण होता है ।
श्री सूर्य अष्टोत्तर शतनामावली में सूर्यदेव के १०८ नाम हैं। इन नामों का उच्चारण करते हुए सूर्य को जल-अघ्र्य अर्पित किया जाता है। श्री सूर्यमण्डलाष्टक एक सिध्द स्तोत्र है जो आत्मप्रकाश की जागृति और विस्तारकारक है।
फलश्रुति के अनुसार सूर्य स्तोत्र और सहस्रनाम के पाठ या श्रवण से उपासकों को ऊर्जा, बुध्दिमत्ता, आत्म-प्रकाश, पूर्ण स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। जीवन स्वर्णिम आभा से प्रकाशमान होता है। रविवार सूर्यदेव का दिन है, अतः सहस्रनाम तथा स्तोत्र रविवार के दिन सुनने की अनुशंसा की जाती है।

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Weight 0.3 kg

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