श्रीशुक-सुधा सागर/ Shree Suka- Sudha Sagar

700.00

Description

श्रीशुक्र सु-धा – सागर

व्यासपुत्र शुकदेव जी द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाई गई मोक्षदायी पावन कथा है सुख सागर। श्रीमद्भागवत महापुराण मूलरूप से संस्कृत में लिखा गया है और इस भाषा में प्रवाह के लिए एक विशेष परंपरा से शिक्षा आवश्यक है, इसीलिए हिंदी भाषी जिज्ञासुओं के लिए विद्वान महापुरुषों ने ‘शुक सागर’ की रचना की। यही ‘शुक सागर’ लोगों के बीच ‘सुख सागर के रूप में प्रसिद्ध हो गया। इसकी भाषा-शैली अत्यंत साधारण है। कृष्ण भक्तों के लिए यह पुस्तक आराधना है।.

‘विद्यावतां भागवते परीक्षा’ : भागवत विद्वत्ता की कसौटी है और इसी कारण टीकासंपत्ति की दृष्टि से भी यह अतुलनीय है। विभिन्न वैष्णव संप्रदाय के विद्वानों ने अपने विशिष्ट मत की उपपत्ति तथा परिपुष्टि के निमित्त भागवत के ऊपर स्वसिद्धांतानुयायी व्याख्याओं का प्रणयन किया है जिनमें कुछ टीकाकारों का यहाँ संक्षिप्त संकेत किया जा रहा है

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.