Description
श्रीविष्णुपुराण (Shri Vishnu Puran)
परिचय:
श्रीविष्णुपुराण हिन्दू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन पुराण है। इसे विष्णु भक्तों का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है। इसमें भगवान विष्णु की महिमा, सृष्टि की रचना, धर्म के सिद्धांत, अवतारों की कथा, और जीवन के आदर्शों का वर्णन है। इसकी रचना महर्षि पराशर ने की थी और इसका संवाद उन्होंने अपने पुत्र महर्षि वेदव्यास को सुनाया था।
मुख्य विषय-वस्तु:
श्रीविष्णुपुराण में कुल 6 खण्ड (अंश) होते हैं:
1. प्रथम अंश (सृष्टि खण्ड):
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पंचमहाभूत, मनु, समय, और युगों का वर्णन
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भगवान विष्णु के विश्वरूप का वर्णन
2. द्वितीय अंश (भूगोल खण्ड):
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सप्तद्वीप, सप्तसमुद्र, और सप्तलोकों का विस्तार
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पृथ्वी के भूगोल और ब्रह्माण्ड की संरचना
3. तृतीय अंश (वंश खण्ड):
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प्राचीन राजाओं और ऋषियों के वंश
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इक्ष्वाकु वंश और यदुवंश का विस्तृत वर्णन
4. चतुर्थ अंश (मन्वन्तर खण्ड):
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14 मन्वन्तरों का क्रम और उनके अधिपति
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विभिन्न देवताओं और अवतारों का कार्य
5. पंचम अंश (कृष्ण चरित्र खण्ड):
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श्रीकृष्ण भगवान का पूर्ण चरित्र
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बाल लीलाएं, मथुरा गमन, रासलीला, कुरुक्षेत्र युद्ध आदि
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धर्म की स्थापना हेतु कृष्णावतार का उद्देश्य
6. षष्ठ अंश (धर्म और मोक्ष खण्ड):
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धर्म, अध्यात्म, योग, भक्ति और मोक्ष की शिक्षा
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कलियुग के लक्षण और धर्म की रक्षा के उपाय
Additional information
Weight | 0.4 g |
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