श्रीमद् देवी भागवतमहापुराणम् (मूलमात्रम्)/ Shrimad Devi Bhagwat Mahapuranam (Mool Matram)
₹220.00
Description
यह पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्यका स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाँचों लक्षणों से पूर्ण हैं। पराम्बा भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त है। इस पुराण में लगभग 18000 श्लोक है।
सूतजी बोले-देवी भागवत की कथा-श्रवण से भक्तों और श्रद्धालु श्रोताओं को ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। मात्र क्षणभरकी कथा-श्रवण से भी देवी के भक्तों को कभी कष्ट नहीं होता। सभी तीर्थों और व्रतों का फल देवी भागवत के एक बार के श्रवण मात्र से प्राप्त हो जाता है। सतयुग, त्रेता तथा द्वापर में तो मनुष्य के लिए अनेक धर्म-कर्म हैं, किंतु कलियुग में तो पुराण सुनने के अतिरिक्त कोई अन्य धार्मिक आचरण नहीं है। कलियुग के धर्म-कर्महीन तथा आचारहीन मनुष्यों के कल्याण के लिए ही श्री व्यासजी ने पुराण-अमृत की सृष्टि की थी। देवी पुराण के श्रवण के लिए यों तो सभी समय फलदायी है, किंतु फिर भी आश्विन, चैत्र, मार्गशीर्ष तथा आषाढ़ मासों एवं दोनों नवरात्रों में पुराण के श्रवण से विशेष पुण्य होता है। वास्तव में यह पुराण नवाह्र यज्ञ है, जो सभी पुण्य कर्मों से सर्वोपरि एवं निश्चित फलदायक है। इस नवाह्न यज्ञ से छली, मूर्ख, अमित्र, वेद-विमुख निंदक, चोर, व्यभिचारी, उठाईगीर, मिथ्याचारी, गो-देवता-ब्राह्मण निंदक तथा गुरुद्वेषी जैसे भयानक पापी शुद्ध और पापरहित हो जाते हैं। बड़े-बड़े व्रतों, तीर्थ-यात्राओं, बृहद् यज्ञों या तपों से भी वह पुण्य फल प्राप्त नहीं होता जो श्रीमद् देवी भागवत् पुराण के नवाह्र पारायण से प्राप्त होता है।
तथा न गंगा न गया न काशी न नैमिषं न मथुरा न पुष्करम्।
पुनाति सद्य: बदरीवनं नो यथा हि देवीमख एष विप्रा:।
गंगा, गया, काशी, नैमिषारण्य, मथुरा, पुष्कर और बदरीवन आदि तीर्थों की यात्रा से भी वह फल प्राप्त नहीं होता, जो नवाह्र पारायण रूप देवी भागवत श्रवण यज्ञ से प्राप्त होता है। सूतजी के अनुसार-आश्विन् मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को स्वर्ण सिंहासन पर श्रीमद् भागवत की प्रतिष्ठा कराकर ब्राह्मण को देने वाला देवी के परम पद को प्राप्त कर लेता है। इस पुराण की महिमा इतनी महान है कि नियमपूर्वक एक-आध श्लोक का पारायण करने वाला भक्त भी मां भगवती की कृपा प्राप्त कर लेता है।
Additional information
Weight | 1.4 kg |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.