Description
विश्व गुरु श्रील जीव गोस्वामी पाद जी GBPS ट्रस्ट, वृन्दावन के शरणास्पद आचार्य हैं अर्थात GBPS के अनुयायीगण व संस्थापक सभी भक्त इन्हीं शरणास्पद आचार्य की शरणागति में रहकर कृष्ण भक्ति किया करते हैं| GBPS ट्रस्ट, वृन्दावन विश्व गुरु श्रील जीव गोस्वामी जी की शिक्षाओं पर आधारित एक आध्यात्मिक संगठन है| विश्व गुरु श्रील जीव गोस्वामी पाद जी श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा प्रवर्तित श्री गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के तत्त्वाचार्य थे|
भारतवर्ष में उसी आध्यात्मिक परंपरा को प्रमाणिक माना जाता है, जिसके पास प्रस्थानत्रयी (उपनिषद, गीता व ब्रह्म सूत्र) का अपना भाष्य हो| किन्तु श्री गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु ने श्रीमद्भागवत महापुराण शास्त्र को ही प्रस्थानत्रयी के स्वाभाविक भाष्य के रूप में स्वीकार किया है, अतः उन्होंने प्रस्थानत्रयी पर भाष्य लिखना अनिवार्य नही समझा| श्रीमद्भागवत शास्त्र ही गौड़ीय वैष्णवों के लिए सर्वोच्च शब्द प्रमाण है| इस श्रीमद्भागवत शास्त्र की सम्यक् व्याख्या करने के लिए विश्वगुरु श्रील जीव गोस्वामी पाद जी ने अनेक ग्रंथ रत्नों की रचना की है, जिनमे दो ग्रन्थ रत्न अत्यंत महत्वपूर्ण है| पहला है- श्री भागवत सन्दर्भ (षट् सन्दर्भ) और दूसरा है- श्री गोपाल चम्पू | श्रीभागवत सन्दर्भ सिद्धांत ग्रन्थ है और श्री गोपाल चम्पू लीला ग्रन्थ है| श्रीभागवत सन्दर्भ ग्रन्थ क्रमशः 6 भागों- श्री तत्त्व सन्दर्भ, श्रीभगवत सन्दर्भ, श्री परमात्म सन्दर्भ, श्री कृष्ण सन्दर्भ, श्री भक्ति सन्दर्भ व श्री प्रीति सन्दर्भ में विभक्त होने के कारण श्री षट् सन्दर्भ भी कहलाता है | प्रथम चार सन्दर्भों में सम्बन्ध तत्त्व का ज्ञान वर्णित है, पांचवे भक्ति सन्दर्भ में अभिधेय तत्व और छठे प्रीति सन्दर्भ में प्रयोजन तत्त्व का ज्ञान वर्णित है| अतः कृष्ण तत्त्व का सर्वश्रेष्ठ प्रतिपादन करने से ही श्रील जीव गोस्वामी पाद जी गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के ‘तत्त्वाचार्य’ कहलाते हैं| इन्होने ही वेदांत के चरमसिद्धांत ‘अचिन्त्यभेदाभेद’ की भी विशद व्याख्या की है जो की चैतन्य महाप्रभु द्वारा प्रतिपादित वेदांत सिद्धांत है|aj
Additional information
Weight | 0.3 kg |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.