श्रीकृष्णा – अङ्क कल्याण/ Shri Krishna Anka- Kalyan

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Description

जीवन में भगत्प्रेम, सेवा, त्याग, वैराग्य, सत्य, अहिंसा, विनय, प्रेम, उदारता, दानशीलता, दया, धर्म, नीति, सदाचार और शान्ति का प्रकाश भर देने वाली सरल, सुरुचिपूर्ण, सत्प्रेरणादायी छोटी-छोटी सत्कथाओं का संकलन कल्याण का यह विशेषांक सर्वदा अपने पास रखने योग्य है।

भगवत्कृपा से कल्याण का प्रकाशन ईस्वी सन 1926 से लगातार हो रहा है। इस पत्रिका के आद्य संपादक नित्यलीलालीन भाईजी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार थे। कल्याण के प्रथम अंक में प्रकाशित संपादकीय वक्तव्य पठन सामग्री में उधृत है।

वर्ष 1931 में छपे कल्याण के विशेषांक ‘कृष्णांक’ में ‘श्री कृष्ण की ऐतिहासिकता पर गांधी जी’ और ‘श्रीकृष्ण और महात्माजी का अनासक्तियोग’ शीर्षक से महात्मा गांधी पर दो लेख छपे।

भगवान् श्री कृष्ण का चरित्र इतना मधुर है कि बड़े-बड़े अमलात्मा परमहंस भी उसमें बार-बार अवगाहन करके अपने-आपको धन्य करते रहते हैं। इस विशेषांक में भगवान् श्री कृष्ण के मधुर एवं ज्ञानपरक चरित्र पर अनेक सन्त-महात्मा, विद्वान् विचारकों के शोधपूर्ण लेखोंका अद्भुत संग्रह है।

Additional information

Weight 1.6 kg

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