शुक्लयजुर्वेदीय मंत्रसंहिता /Shukl Yajurvediya Mantra Sanhita

220.00

शुक्लयजुर्वेदीय मंत्रसहिता को वाजसनेयी संहिता कहा जाता है. वाजसनेयी संहिता, शुक्लयजुर्वेद की संहिता है. वाजसनेयी नाम, याज्ञवल्क्य के संरक्षक वाजसनेय के नाम पर रखा गया है. वाजसनेय, वाजसनेयी शाखा के संस्थापक थे. वाजसनेयी संहिता के दो जीवित संस्करण हैं: वाजसनेयी माध्यंदिना, वाजसनेयी कण्व. 

यजुर्वेद, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रंथ है. यह चार वेदों में से एक है. यजुर्वेद में यज्ञ की प्रक्रिया के लिए गद्य और पद्य मंत्र हैं. 

Description

शुक्लयजुर्वेदीय मंत्रसहिता को वाजसनेयी संहिता कहा जाता है. वाजसनेयी संहिता, शुक्लयजुर्वेद की संहिता है. वाजसनेयी नाम, याज्ञवल्क्य के संरक्षक वाजसनेय के नाम पर रखा गया है. वाजसनेय, वाजसनेयी शाखा के संस्थापक थे. वाजसनेयी संहिता के दो जीवित संस्करण हैं: वाजसनेयी माध्यंदिना, वाजसनेयी कण्व. 

यजुर्वेद, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रंथ है. यह चार वेदों में से एक है. यजुर्वेद में यज्ञ की प्रक्रिया के लिए गद्य और पद्य मंत्र हैं. 

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