Description
शीध्र कल्याण के सोपान (तत्वचिन्तामणि भाग २ -खण्ड -१ )
तत्वचिन्तामणि के पहले भाग की भूमिका में यह आशा प्रकट की गयी थी इस सरल भासा में लिखी हुई तत्वपूर्ण पुस्तकका अच्छा आदर होगा और लोग इससे विशेस लाभ उठावेंगे आनंद की बात हे की बह आशा विफल नहीं हुई तत्व चिंतामणि का वह पहला भाग शीध्र समाप्त हो गया साथ ही कुछ ऐसे लेख है जिनमे धर्म और पतिव्रत धर्म भी विस्तारसे प्रकश डाला गया इससे यह पुस्तक तत्व विचारपूर्ण होने के साथ साथ सरल व्यावहारिक शिक्षा देनेवाली
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