Description
इस विशेषांक में भगवान् शिव से सम्बन्धित तात्त्विक निबन्धों के साथ शास्त्रों में वर्णित शिव के विविध स्वरूप, शिव-उपासना की मुख्य विधाएँ, पञ्चमूर्ति, दक्षिणामूर्ति, ज्योतिर्लिंग, नर्मदेश्वर, नटराज, हरिहर आदि विभिन्न स्वरूपों के विवेचन, आर्ष ग्रन्थों के आधारपर शिव-साधना की पद्धति, भारत के विभिन्न प्रदेशों में अवस्थित शिव मन्दिर तथा शैव तीर्थों का विस्तृत परिचय और विवरण आदि है।
शिव हिन्दु-धर्म के प्रमुख देवताऔ में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुन्दरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है।
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