Description
श्री जयदयाल जी गोयन्दका जी के लेखों का एक संग्रह।
मन की शांति के लिए कुछ छोटे कदम हैं। इसमें सबसे पहला है सकारात्मक सोच। अगर आप हर बात को सकारात्मक सोच के साथ देखते हैं तो जीवन की आधी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मन को असीम शांति मिलती है। दूसरा है ईर्ष्या और द्वेष।
कई बार मन बहुत विचलित हो जाता है और उसको शांत करने का कोई उपाय हमें नहीं मिल पाता है जिसके कारण हमारे लिए कई और समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं तो इसका एक बेहतर उपाय है साधना करना। इससे मन विचलित होना कम कर देता है।
यदि मनुष्य में किसी भी मोड़ यह भावना संकल्प रूप में जाग्रत हो जाए कि जीवन का जो उद्देश्य है वह उसे हासिल करना है। इस पर एक उन्हें परम तृप्ति महसूस होती है। इसके साथ ही मनुष्य प्रभु तक जाने और परिपूर्ण आनंदित होकर जीने लगते हैं। जिन मनुष्यों की मंजिल परमात्मा है वे बिना किसी रुकावट के परमात्मा तक चले जाते हैं।
Additional information
Weight | 0.2 kg |
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