Description
“वेणुगीत” श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध के अंतर्गत आने वाले उस दिव्य प्रसंग पर आधारित है जिसमें गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी की मधुर तान सुनकर अत्यंत भावविभोर हो जाती हैं और उनके हृदय में श्रीकृष्ण की विरह-व्यथा उमड़ पड़ती है। इस गीत को “वेणुगीत” कहा जाता है।
इस पुस्तक में पूज्य हनुमान प्रसाद पोद्दार जी ने वेणुगीत के पदों का भावपूर्ण, सरल एवं भक्तिमय व्याख्या के साथ सुंदर वर्णन किया है।
🌼 मुख्य विषय-वस्तु:
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श्रीकृष्ण की वंशी का प्रभाव
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गोपियों की आत्मिक प्रेम-भावना
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भगवान श्रीकृष्ण के रूप, गुण और लीला-चिंतन
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वैराग्य और भक्ति का समन्वय
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आत्मा और परमात्मा के बीच का भावात्मक संवाद
🙏 पुस्तक की विशेषताएँ:
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सरल हिंदी में सुंदर व्याख्या
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श्रीमद्भागवत के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन
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भक्ति-रस में डूबी हुई प्रस्तुति
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आध्यात्मिक साधकों और कृष्ण-भक्तों के लिए अमूल्य निधि
“वेणुगीत” केवल एक शास्त्रीय टीका नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की माधुर्य लीला के प्रति गहन प्रेम और आत्मा की पुकार का अमर दस्तावेज़ है। यह हर उस पाठक को भाव-विभोर कर देता है जो भक्ति में डूबना चाहता है।
Additional information
| Weight | 0.3 g |
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