वृज भक्तमाल प्रथम भाग/ Braj Bhaktmaal Part 1

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‘ब्रज-भक्तमाल (प्रथम भाग) एक अद्भुत एवं भावपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें ब्रजभूमि के महान संतों, भक्तों और रसमय साधकों की जीवनगाथाएँ, भक्ति की घटनाएँ और आध्यात्मिक लीलाएँ प्रस्तुत की गई हैं। यह ग्रंथ व्याख्या सहित प्रकाशित किया गया है, जिससे प्रत्येक पाठक गूढ़ भक्तिपूर्ण प्रसंगों को सहजता से समझ सके।

इस पुस्तक का उद्देश्य केवल कथा-वाचन नहीं, बल्कि पाठक के अंत:करण में शुद्ध भक्ति, राधा-कृष्ण प्रेम और ब्रज के संतों के आदर्शों को जाग्रत करना है।


🌼 मुख्य विशेषताएँ:

  • ब्रज के प्रमुख भक्तों की जीवनियाँ: जैसे श्रीहित हरिवंश जी, श्रीलालिता सखी, श्रीरासखान, श्रीहरिदास जी, श्रीविट्ठलनाथ जी, श्रीमीराबाई, श्रीसनातन गोस्वामी, श्रीरघुनाथ दास आदि।

  • काव्यात्मक शैली में रचना: मूल रचना पद्य में है और उसके साथ सरल एवं भावयुक्त हिंदी व्याख्या दी गई है।

  • भक्ति रस से परिपूर्ण प्रसंग: राधा-कृष्ण की लीलाओं में डूबे संतों की भक्ति की गाथाएँ, जो हृदय को भक्ति और प्रेम से भर देती हैं।

  • संस्कृति, समर्पण और साधना का संगम: यह ग्रंथ न केवल ऐतिहासिक जानकारी देता है, बल्कि अध्यात्म और संस्कृति का सजीव परिचय कराता है।


✨ उपयोगिता:

यह पुस्तक उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है—

  • जो ब्रज-संस्कृति और संत परंपरा को जानना चाहते हैं।

  • जो भक्ति के आदर्शों को जीवन में अपनाना चाहते हैं।

  • जो भक्ति-रस में डूबे हुए संतों की लीलाओं से प्रेरणा लेना चाहते हैं।

  • जिनके हृदय में श्रीराधा-कृष्ण की सेवा और स्मरण की भावना है।


🕉️ लेखक परिचय:

भक्तमाल दास ‘भक्तमाली’ जी एक वरिष्ठ और अनुभवी भक्ति-ग्रंथ व्याख्याकार हैं, जिन्होंने इस ग्रंथ में पदों की सुबोध व्याख्या के माध्यम से इसे हर वर्ग के पाठक के लिए उपयोगी बना दिया है। उनका उद्देश्य केवल ग्रंथ का पठन नहीं, बल्कि जीवन में भक्ति का जागरण है।


📚 निष्कर्ष:

‘ब्रज-भक्तमाल’ न केवल भक्तों की जीवनगाथाओं का संग्रह है, बल्कि यह भक्ति की जीती-जागती धारा है, जो पाठक के अंत:करण को श्रीराधा-कृष्ण प्रेम से सराबोर कर देती है। यह ग्रंथ एक ऐसा पथप्रदर्शक है जो भक्ति, समर्पण और सेवा के पथ पर ले जाता है।

Description

‘ब्रज-भक्तमाल (प्रथम भाग) एक अद्भुत एवं भावपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें ब्रजभूमि के महान संतों, भक्तों और रसमय साधकों की जीवनगाथाएँ, भक्ति की घटनाएँ और आध्यात्मिक लीलाएँ प्रस्तुत की गई हैं। यह ग्रंथ व्याख्या सहित प्रकाशित किया गया है, जिससे प्रत्येक पाठक गूढ़ भक्तिपूर्ण प्रसंगों को सहजता से समझ सके।

इस पुस्तक का उद्देश्य केवल कथा-वाचन नहीं, बल्कि पाठक के अंत:करण में शुद्ध भक्ति, राधा-कृष्ण प्रेम और ब्रज के संतों के आदर्शों को जाग्रत करना है।


🌼 मुख्य विशेषताएँ:

  • ब्रज के प्रमुख भक्तों की जीवनियाँ: जैसे श्रीहित हरिवंश जी, श्रीलालिता सखी, श्रीरासखान, श्रीहरिदास जी, श्रीविट्ठलनाथ जी, श्रीमीराबाई, श्रीसनातन गोस्वामी, श्रीरघुनाथ दास आदि।

  • काव्यात्मक शैली में रचना: मूल रचना पद्य में है और उसके साथ सरल एवं भावयुक्त हिंदी व्याख्या दी गई है।

  • भक्ति रस से परिपूर्ण प्रसंग: राधा-कृष्ण की लीलाओं में डूबे संतों की भक्ति की गाथाएँ, जो हृदय को भक्ति और प्रेम से भर देती हैं।

  • संस्कृति, समर्पण और साधना का संगम: यह ग्रंथ न केवल ऐतिहासिक जानकारी देता है, बल्कि अध्यात्म और संस्कृति का सजीव परिचय कराता है।


✨ उपयोगिता:

यह पुस्तक उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है—

  • जो ब्रज-संस्कृति और संत परंपरा को जानना चाहते हैं।

  • जो भक्ति के आदर्शों को जीवन में अपनाना चाहते हैं।

  • जो भक्ति-रस में डूबे हुए संतों की लीलाओं से प्रेरणा लेना चाहते हैं।

  • जिनके हृदय में श्रीराधा-कृष्ण की सेवा और स्मरण की भावना है।


🕉️ लेखक परिचय:

भक्तमाल दास ‘भक्तमाली जी एक वरिष्ठ और अनुभवी भक्ति-ग्रंथ व्याख्याकार हैं, जिन्होंने इस ग्रंथ में पदों की सुबोध व्याख्या के माध्यम से इसे हर वर्ग के पाठक के लिए उपयोगी बना दिया है। उनका उद्देश्य केवल ग्रंथ का पठन नहीं, बल्कि जीवन में भक्ति का जागरण है।


📚 निष्कर्ष:

‘ब्रज-भक्तमाल’ न केवल भक्तों की जीवनगाथाओं का संग्रह है, बल्कि यह भक्ति की जीती-जागती धारा है, जो पाठक के अंत:करण को श्रीराधा-कृष्ण प्रेम से सराबोर कर देती है। यह ग्रंथ एक ऐसा पथप्रदर्शक है जो भक्ति, समर्पण और सेवा के पथ पर ले जाता है।

Additional information

Weight 0.3 g

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