विवेकानंद जी के संग में/ VIVEKANAD JI KE SUNG ME

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विवेकानंद जी के संग में” एक आध्यात्मिक और चिंतनशील यात्रा है जो स्वामी विवेकानंद के विचारों, शिक्षाओं और उनके जीवन से जुड़ने का अनुभव कराती है। यह केवल एक ऐतिहासिक या जीवनी आधारित अनुभव नहीं है, बल्कि एक आत्मिक यात्रा है जिसमें पाठक या श्रोता स्वामीजी के साथ होने का आभास करता है।

स्वामी विवेकानंद के संग चलना मानो साहस, आत्मबल, सेवा और सत्य की राह पर चलना है। उनके साथ होने का अर्थ है अपने भीतर छिपी शक्तियों को पहचानना, भय से मुक्त होना और मानवता की सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाना।

इस यात्रा में स्वामीजी के प्रेरक विचार — जैसे “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए”, जीवन को नई दिशा देते हैं। उनके संग होने का अर्थ है — धर्म के असली अर्थ को समझना, सभी धर्मों में एकता देखना, और आत्मा की शक्ति को जानकर जीवन को सार्थक बनाना।

विवेकानंद जी के संग में” रहकर हमें यह बोध होता है कि सच्ची शिक्षा वही है जो मनुष्य को आत्मनिर्भर, निर्भीक और सेवा के लिए तत्पर बनाए।

Description


विवेकानंद जी के संग में” एक आध्यात्मिक और चिंतनशील यात्रा है जो स्वामी विवेकानंद के विचारों, शिक्षाओं और उनके जीवन से जुड़ने का अनुभव कराती है। यह केवल एक ऐतिहासिक या जीवनी आधारित अनुभव नहीं है, बल्कि एक आत्मिक यात्रा है जिसमें पाठक या श्रोता स्वामीजी के साथ होने का आभास करता है।

स्वामी विवेकानंद के संग चलना मानो साहस, आत्मबल, सेवा और सत्य की राह पर चलना है। उनके साथ होने का अर्थ है अपने भीतर छिपी शक्तियों को पहचानना, भय से मुक्त होना और मानवता की सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाना।

इस यात्रा में स्वामीजी के प्रेरक विचार — जैसे “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए”, जीवन को नई दिशा देते हैं। उनके संग होने का अर्थ है — धर्म के असली अर्थ को समझना, सभी धर्मों में एकता देखना, और आत्मा की शक्ति को जानकर जीवन को सार्थक बनाना।

विवेकानंद जी के संग में” रहकर हमें यह बोध होता है कि सच्ची शिक्षा वही है जो मनुष्य को आत्मनिर्भर, निर्भीक और सेवा के लिए तत्पर बनाए।

With Swami Vivekananda” is a reflective and inspiring narrative that explores the teachings, travels, and profound influence of Swami Vivekananda. The story or description typically centers around the transformative journey one might experience when metaphorically or spiritually walking alongside Swamiji. It delves into his values of self-discipline, service to humanity, strength of character, and spiritual awakening.

This description captures the essence of being in the presence of Swami Vivekananda — not just physically, but through his wisdom, writings, and legacy. Readers or listeners are encouraged to embrace his ideals such as fearlessness, dedication to truth, unity of all religions, and upliftment of the poor and oppressed.

The narrative may be personal or philosophical, evoking a sense of guidance, inner awakening, and moral courage through Vivekananda’s perspective. It’s both a tribute and an invitation to follow his path of knowledge, action, and spiritual depth

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