Description
भगवान् शंकराचार्य के द्वारा विरचित ग्रन्थों में विवेक-चूड़ामणि का विशेष स्थान है। इसमें ब्रह्मनिष्ठा का महत्त्व, ज्ञानोपलब्धि का उपाय, प्रश्न-निरूपण, आत्मज्ञान का महत्त्व, पञ्चप्राण, आत्म-निरूपण, मुक्ति कैसे होगी? आत्मज्ञान का फल आदि तत्त्वज्ञान के विभिन्न विषयों का अत्यन्त सुन्दर निरूपण किया गया है।
Additional information
Weight | 0.4 kg |
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