रोगों के सरल उपाय/ Rogon ke Saral Upaya

40.00

‘कल्याण’ प्रकशित होने पर समय-समय पर पूज्य भाईजी ‘कल्याण’ के विभिन्न अंकों में तरह-तरह के रोगों के अनुभवी लोगों से प्रेरित सरल अनुभूत उपचार प्रकाशित करते रहते थे| साथ ही जप-पाठ आदिके अनुष्ठानों से जो आश्चर्यजनक लाभ होता था उन घटनाओं को भी प्रकाशित करते थे| एलोपैथिक दवाएं रोगों में एक बार लाभ दिखाती है पर वस्तुत: उनका परिणाम शरीर के लिए घातक होता है इसलिए ‘कल्याण’ प्राय: सरल घरेलू उपचार ही प्रकाशित करते थे| इस पुस्तक में उन्ही सरल उपचारों का संकलन है जो ‘कल्याण’ के विभिन्न अंकों में पूज्य भाईजी ने प्रकाशित किये थे|

Description

‘कल्याण’ प्रकशित होने पर समय-समय पर पूज्य भाईजी ‘कल्याण’ के विभिन्न अंकों में तरह-तरह के रोगों के अनुभवी लोगों से प्रेरित सरल अनुभूत उपचार प्रकाशित करते रहते थे| साथ ही जप-पाठ आदिके अनुष्ठानों से जो आश्चर्यजनक लाभ होता था उन घटनाओं को भी प्रकाशित करते थे| एलोपैथिक दवाएं रोगों में एक बार लाभ दिखाती है पर वस्तुत: उनका परिणाम शरीर के लिए घातक होता है इसलिए ‘कल्याण’ प्राय: सरल घरेलू उपचार ही प्रकाशित करते थे| इस पुस्तक में उन्ही सरल उपचारों का संकलन है जो ‘कल्याण’ के विभिन्न अंकों में पूज्य भाईजी ने प्रकाशित किये थे|

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