रंगीन वाल पोथी -भाग-2/ Rangeen baal Pothi- Bhag-2

25.00

गीताप्रेसका उद्देश्य है – भारतीय संस्कृति और सभ्यताके उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकोंका निर्माण। इस उद्देश्यकी सिद्धिके लिये यहाँसे सतत बालोपयोगी सत्साहित्यका सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस पुस्तकमें सम्पूर्ण वर्णमाला रंगीन बहुरंगे चित्रोंके साथ दी गयी है और प्रत्येक अक्षरके साथ दो वस्तुओंके रंगीन चित्र दिये गये हैं। चित्रोंमें उन्हीं वस्तुओंका ज्ञान कराया गया है जिनसे बच्चोंके मनपर अच्छे संस्कार पड़ें और उनके मस्तिष्कका सही दिशामें विकास हो। पुस्तकके प्रारम्भमें भगवान् की सुन्दर प्रार्थना तथा अन्तमें स्वर, स्वरोंकी पहचान, हिन्दी वर्णमाला, व्यंजनोंकी पहचान, अंग्रेजी वर्णमाला एवं एकसे सौतक गिनती दी गयी है।

Description

गीताप्रेसका उद्देश्य है – भारतीय संस्कृति और सभ्यताके उत्कृष्ट संवाहक संस्कारवान् एवं सच्चरित्र बालकोंका निर्माण। इस उद्देश्यकी सिद्धिके लिये यहाँसे सतत बालोपयोगी सत्साहित्यका सृजन एवं प्रकाशन होता रहता है। इस पुस्तकमें सम्पूर्ण वर्णमाला रंगीन बहुरंगे चित्रोंके साथ दी गयी है और प्रत्येक अक्षरके साथ दो वस्तुओंके रंगीन चित्र दिये गये हैं। चित्रोंमें उन्हीं वस्तुओंका ज्ञान कराया गया है जिनसे बच्चोंके मनपर अच्छे संस्कार पड़ें और उनके मस्तिष्कका सही दिशामें विकास हो। पुस्तकके प्रारम्भमें भगवान् की सुन्दर प्रार्थना तथा अन्तमें स्वर, स्वरोंकी पहचान, हिन्दी वर्णमाला, व्यंजनोंकी पहचान, अंग्रेजी वर्णमाला एवं एकसे सौतक गिनती दी गयी है।

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