युवाओं के प्रति Yuvako ke prati

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युवाओं के प्रति (Yuvako ke prati) एक विषय है जो समाज में युवाओं की भूमिका, उनके कर्तव्य, चुनौतियाँ और संभावनाओं को समझने और व्यक्त करने से संबंधित होता है। नीचे इसका एक वर्णन (description) हिंदी में दिया गया है:


युवाओं के प्रति 

युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत होते हैं। उनमें ऊर्जा, जोश, कल्पनाशक्ति और बदलाव लाने की क्षमता होती है। समाज और राष्ट्र की उन्नति युवाओं की सोच और कार्यों पर निर्भर करती है इसलिए युवाओं के प्रति समाज की विशेष जिम्मेदारी होती है – उन्हें सही मार्गदर्शन देना, शिक्षा और रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करना, और नैतिक मूल्यों की समझ विकसित करना

आज का युवा एक ओर आधुनिक तकनीक से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर वह परंपराओं और संस्कारों से भी प्रभावित होता है। उसे सही दिशा में प्रोत्साहित करना आवश्यक है ताकि वह नशा, अपराध, और सामाजिक भटकाव से दूर रहे और देश की प्रगति में योगदान दे सके।

युवाओं को भी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को समझें – समाज के प्रति, परिवार के प्रति और देश के प्रति। आत्मनिर्भर बनना, शिक्षा में उत्कृष्टता लाना, पर्यावरण की रक्षा करना और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना – ये सब उनके प्रमुख दायित्व हैं।

Description

Towards Youth  

Youth are the foundation of any nation. They possess energy, passion, creativity, and the potential to bring about change. The progress of a society largely depends on the mindset and actions of its young generation. Therefore, it is the responsibility of society to guide and support its youth by providing proper education, career opportunities, and moral values.

Today’s youth are connected to modern technology while also being influenced by cultural traditions. They need direction and encouragement to stay away from negative influences like drugs, crime, and social distractions, and instead become active contributors to the nation’s development.

At the same time, youth must also recognize their responsibilities — towards their family, society, and country. Becoming self-reliant, striving for excellence in education, protecting the environment, and promoting unity and harmony are some of the key duties of the youth.

In essence, youth are both the present and the future, and nurturing them is the key to a strong and prosperous nation.

युवाओं के प्रति (Yuvako ke prati) एक विषय है जो समाज में युवाओं की भूमिका, उनके कर्तव्य, चुनौतियाँ और संभावनाओं को समझने और व्यक्त करने से संबंधित होता है। नीचे इसका एक वर्णन (description) हिंदी में दिया गया है:


युवाओं के प्रति 

युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत होते हैं। उनमें ऊर्जा, जोश, कल्पनाशक्ति और बदलाव लाने की क्षमता होती है। समाज और राष्ट्र की उन्नति युवाओं की सोच और कार्यों पर निर्भर करती है इसलिए युवाओं के प्रति समाज की विशेष जिम्मेदारी होती है – उन्हें सही मार्गदर्शन देना, शिक्षा और रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करना, और नैतिक मूल्यों की समझ विकसित करना

आज का युवा एक ओर आधुनिक तकनीक से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर वह परंपराओं और संस्कारों से भी प्रभावित होता है। उसे सही दिशा में प्रोत्साहित करना आवश्यक है ताकि वह नशा, अपराध, और सामाजिक भटकाव से दूर रहे और देश की प्रगति में योगदान दे सके।

युवाओं को भी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को समझें – समाज के प्रति, परिवार के प्रति और देश के प्रति। आत्मनिर्भर बनना, शिक्षा में उत्कृष्टता लाना, पर्यावरण की रक्षा करना और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना – ये सब उनके प्रमुख दायित्व हैं।

2 reviews for युवाओं के प्रति Yuvako ke prati

  1. Pinky

    Nice Book for youth

  2. Bhupendra

    Good 👍

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