मानस-पीयूष (सात खण्ड)/ Manas Piyus (Set of 7 books)

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Description

मानस-पीयूष (सात खण्ड)/ Manas Piyus (Set of 7 books)

माहात्मा श्रीअंजनी नन्दनजी शरणके द्वारा सम्पादित “मानस-पीयूष” श्रीरामचरितमानसकी सबसे बृहत् टीका है। यह महान ग्रन्थ ख्यातिलब्ध रामायणियों, उत्कृष्ट विचारकों, तपोनिष्ठ महात्माओं एवं आधुनिक मानसविज्ञोकी व्याख्याओंका एक साथ अनुपम संग्रह है।

आजतकके समस्त टीकाकारोंके इतने विशद तथा सुसंगत भावोंका ऐसा संग्रह अत्यंत दुर्लभ है। भक्तोंके लिये तो यह एकमात्र विश्रामस्थान तथा संसार- सागरसे पार होनेके लिये सुन्दर सेतु है। विभिन्न दृष्टियोंसे यह ग्रन्थ विश्वके समस्त जिज्ञासुओं, भक्तों, विद्वानों तथा सर्वसामान्यके लिये असीम ज्ञानका भण्डार एवं संग्रह तथा स्वाध्यायका विषय है।

रामायण’ का संधि विच्छेद करने है ‘राम’ + ‘अयन’। ‘अयन’ का अर्थ है ‘यात्रा’ इसलिये रामायण का अर्थ है राम की यात्रा।

इसमें ४,८०,००२ शब्द हैं जो महाभारत का चौथाई है।

“मानस-पीयूष” के सात खण्ड इस प्रकार हैं-

बालकाण्ड
अयोध्याकाण्ड
अरण्यकाण्ड
किष्किन्धाकाण्ड
सुंदरकाण्ड
लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड)
उत्तरकाण्ड
आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है

Additional information

Weight 10 kg

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