महात्वपूर्ण शिक्षा\Mahatwapoorn Shikshya

40.00

Description

मनुष्य जीवन के समय को अमूल्य और क्षणिक समझकर उत्तम से उत्तम काम में व्यतीत करना चाहिए एक क्षण भी व्यर्थ नहीं करना चाहिये | यदि किसी कारन वश कभी कोई क्षण भगवत चिन्तत के बिना बीत जाय तो उसके लिए पुत्रशोकसे भी बढ़कर घोर पश्चाताप प्रचाताप करना चाहिए जिससे फिर कभी ऐसी भूल न हो |

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