भाईजी पावन स्मरण/Bhaiji Pawan Smaran

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Description

भाईजी पावन स्मरण पुस्तक हनुमान प्रसाद पोद्दार जी, जिन्हें श्रद्धा से “भाईजी” कहा जाता है, के जीवन और उनके आध्यात्मिक कार्यों पर आधारित है। यह पुस्तक उनके प्रेरणादायक व्यक्तित्व और उनके द्वारा समाज और धर्म के लिए किए गए कार्यों को स्मरण करते हुए लिखी गई है।

हनुमान प्रसाद पोद्दार जी गीता प्रेस, गोरखपुर के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने सनातन धर्म, भक्ति और आध्यात्मिक साहित्य के प्रचार-प्रसार में अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

पुस्तक के मुख्य बिंदु:

  1. भाईजी का जीवन परिचय:
    • उनके जन्म, प्रारंभिक जीवन और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का विवरण।
    • गीता प्रेस के माध्यम से उनके योगदान और सनातन धर्म के प्रसार में उनकी भूमिका।
  2. सद्गुण और प्रेरणादायक व्यक्तित्व:
    • उनका सरल, निष्कपट और भगवद्भक्ति से परिपूर्ण जीवन।
    • समाज के प्रति उनकी निःस्वार्थ सेवा और लोक कल्याण की भावना।
  3. आध्यात्मिक संदेश और शिक्षाएं:
    • उनके लेख, जो “कल्याण” पत्रिका में प्रकाशित होते थे, उनमें भक्ति, ज्ञान और धर्म के प्रति उनकी गहरी समझ झलकती है।
    • रामायण, भगवद्गीता और अन्य ग्रंथों पर उनकी शिक्षाप्रद व्याख्याएं।
  4. अनुभव और स्मरण:
    • उनके संपर्क में आए भक्तों और सहयोगियों के संस्मरण।
    • उनके साथ जुड़ी प्रेरणादायक घटनाएं।
  5. भाईजी की धरोहर:
    • गीता प्रेस और “कल्याण” पत्रिका के माध्यम से उनके द्वारा दिया गया असीम योगदान।
    • धार्मिक पुस्तकों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराकर समाज को आध्यात्मिकता से जोड़ने का प्रयास।

यह पुस्तक गीता प्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित होती है और भाईजी के जीवन, उनके विचारों और उनके कार्यों से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए इसे पढ़ा जा सकता है। भाईजी पावन स्मरण हनुमान प्रसाद पोद्दार जी के प्रति श्रद्धा और उनके अद्वितीय योगदान का एक आदरपूर्ण स्मारक है।

 

 

Additional information

Weight 0.2 kg

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