भगवान की दयाbhagwan ki dyaa

9.00

भगवान की दया तत्व समझ जाने के बाद फिर कभी अशान्ति हो ही नहीं सकती सदा आनन्द में रहेगा | दया का तत्व जानने पर तो पाप हो ही नही सकते और भजन छूट ही नही सकता |जो दया का महत्व समझ जाय उसे कहने की आवश्यकता नहीं  है | जब तक भजन करना पड़ता है तबतक ही भजन का तत्व नही समझे | अज्ञानी कर्म करता है और ज्ञानी से होता है | भजन में प्रीति हो जायगी तो भजन होने लगेगा, करना नही पड़ेगा |

Description

भगवान की दया तत्व समझ जाने के बाद फिर कभी अशान्ति हो ही नहीं सकती सदा आनन्द में रहेगा | दया का तत्व जानने पर तो पाप हो ही नही सकते और भजन छूट ही नही सकता |जो दया का महत्व समझ जाय उसे कहने की आवश्यकता नहीं  है | जब तक भजन करना पड़ता है तबतक ही भजन का तत्व नही समझे | अज्ञानी कर्म करता है और ज्ञानी से होता है | भजन में प्रीति हो जायगी तो भजन होने लगेगा, करना नही पड़ेगा |

Additional information

Weight 0.3 g

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “भगवान की दयाbhagwan ki dyaa”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related products