भगवन्नाम-माहात्म्य/ Bhagbnnam- Mahatmya

18.00

“राम-नाम के प्रताप से पत्थर तैरने लगे, राम-नाम के बल से वानर-सेना ने रावण के छक्के छुड़ा दिये, राम नाम के सहारे हनुमान ने पर्वत उठा लिया और राक्षसों के घर अनेक वर्ष रहने पर भी सीता जी अपने सतीत्व को बचा सकीं। भरत ने चौदह साल तक प्राण धारण करके रखे क्योंकि उनके कण्ठ से राम नाम के सिवा दूसरा कोई शब्द न निकलता था। इसलिए संत तुलसीदास जी ने कहा कि ‘कलिकाल का मल धो डालने के लिए राम-नाम जपो।”

36000 नाम-जप

Description

“राम-नाम के प्रताप से पत्थर तैरने लगे, राम-नाम के बल से वानर-सेना ने रावण के छक्के छुड़ा दिये, राम नाम के सहारे हनुमान ने पर्वत उठा लिया और राक्षसों के घर अनेक वर्ष रहने पर भी सीता जी अपने सतीत्व को बचा सकीं। भरत ने चौदह साल तक प्राण धारण करके रखे क्योंकि उनके कण्ठ से राम नाम के सिवा दूसरा कोई शब्द न निकलता था। इसलिए संत तुलसीदास जी ने कहा कि ‘कलिकाल का मल धो डालने के लिए राम-नाम जपो।”

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