ब्रह्माण्ड महापुराणBrahmand Mahapuran

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ब्रह्माण्ड महापुराण

ब्रह्माण्ड पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है। इस पुराण का यह संस्करण प्रोफेसर डॉ. दलवीर सिंह चौहान द्वारा संपादित और अनुवादित किया गया है। यह दो खंडों में उपलब्ध है और इसमें संस्कृत श्लोकों के साथ हिंदी व्याख्या और वैज्ञानिक विमर्श भी शामिल है।

इस पुराण में सृष्टि के उत्पत्ति, ब्रह्मांड का संरचना, देवताओं की कथाएँ, राजाओं और ऋषियों की गाथाएँ, और विभिन्न धार्मिक विधियों का वर्णन है। डॉ. चौहान ने इस ग्रंथ में श्लोकानुक्रमणिका (श्लोकों की सूची) भी जोड़ी है, जिससे पाठकों को संदर्भ ढूंढने में सुविधा होती है।

ब्रह्माण्ड पुराण  अट्ठारह महापुराणों में से एक है। मध्यकालीन भारतीय साहित्य में इस पुराण को ‘वायवीय पुराण’ या ‘वायवीय ब्रह्माण्ड’ कहा गया है। ब्रह्माण्ड का वर्णन करनेवाले वायु ने वेदव्यास जी को दिये हुए इस बारह हजार श्लोकों के पुराण में विश्व का पौराणिक भूगोल, विश्व खगोल, अध्यात्मरामायण आदि विषय हैं

Description

ब्रह्माण्ड महापुराण

ब्रह्माण्ड पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है। इस पुराण का यह संस्करण प्रोफेसर डॉ. दलवीर सिंह चौहान द्वारा संपादित और अनुवादित किया गया है। यह दो खंडों में उपलब्ध है और इसमें संस्कृत श्लोकों के साथ हिंदी व्याख्या और वैज्ञानिक विमर्श भी शामिल है।

इस पुराण में सृष्टि के उत्पत्ति, ब्रह्मांड का संरचना, देवताओं की कथाएँ, राजाओं और ऋषियों की गाथाएँ, और विभिन्न धार्मिक विधियों का वर्णन है। डॉ. चौहान ने इस ग्रंथ में श्लोकानुक्रमणिका (श्लोकों की सूची) भी जोड़ी है, जिससे पाठकों को संदर्भ ढूंढने में सुविधा होती है।

ब्रह्माण्ड पुराण  अट्ठारह महापुराणों में से एक है। मध्यकालीन भारतीय साहित्य में इस पुराण को ‘वायवीय पुराण’ या ‘वायवीय ब्रह्माण्ड’ कहा गया है। ब्रह्माण्ड का वर्णन करनेवाले वायु ने वेदव्यास जी को दिये हुए इस बारह हजार श्लोकों के पुराण में विश्व का पौराणिक भूगोल, विश्व खगोल, अध्यात्मरामायण आदि विषय हैं

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