Description
“ब्रज के व्रत-उत्सव” एक विशिष्ट पुस्तक है, जिसमें ब्रज क्षेत्र में प्रचलित विभिन्न धार्मिक व्रतों और उत्सवों का विस्तार से वर्णन किया गया है। लेखक श्री श्यामदास जी, जिन्हें व्रज विभूति की उपाधि प्राप्त है, ने इस ग्रंथ के माध्यम से ब्रज की लोक परंपराओं, भक्तिपूर्ण संस्कृति और धार्मिक विधियों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है।
🌼 मुख्य विशेषताएँ:
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व्रज के प्रमुख व्रतों का विवरण:
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प्रदोष व्रत, एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या आदि के साथ-साथ विशिष्ट व्रज व्रत जैसे गोवर्धन पूजन, हरियाली तीज, झूलनोत्सव, छप्पन भोग आदि का महत्त्व, विधि और इतिहास।
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त्योहारों की आध्यात्मिक गहराई:
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ब्रज में मनाए जाने वाले उत्सवों की पौराणिक पृष्ठभूमि, लोक रीति-नीति, पूजा-विधि और उनके द्वारा प्राप्त होने वाले आध्यात्मिक लाभों का व्याख्यान।
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ब्रज की भक्तिपूर्ण लोक-संस्कृति:
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झूला महोत्सव, होली, जन्माष्टमी, रासोत्सव, अन्नकूट इत्यादि जैसे त्योहारों की गोकुल, नंदगांव, बरसाना, वृंदावन आदि क्षेत्रों में मनाने की परंपरा का चित्रण।
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उपयोगी संदर्भ ग्रंथ:
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यह पुस्तक गृहस्थों, भक्तों, ब्रजवासियों और साधकों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जो अपने जीवन में धार्मिक अनुशासन और ब्रज रस को अपनाना चाहते हैं।
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🙏 लेखक परिचय:
व्रज विभूति श्री श्यामदास जी ब्रजभूमि के सुप्रसिद्ध संत, वक्ता और लेखक हैं। वे ब्रज की गौरवशाली संस्कृति, व्रजलीला और श्रीकृष्ण भक्ति पर अनेक ग्रंथों के रचयिता हैं। उनके कार्यों में ब्रजधाम की धार्मिक परंपराओं का संरक्षण और प्रचार प्रमुख है।
🎯 उद्देश्य:
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है:
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ब्रजधाम की धार्मिक परंपराओं को जीवंत रूप देना।
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व्रतों के पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर करना।
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आधुनिक समाज को सनातन परंपराओं से जोड़ना।
📦 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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यदि आप ब्रज संस्कृति और श्रीकृष्ण की भक्ति में रुचि रखते हैं।
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यदि आप जानना चाहते हैं कि व्रत-उत्सवों का वास्तविक महत्व क्या है।
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यदि आप ब्रजधाम की शुद्ध परंपराओं को आत्मसात करना चाहते हैं।
Additional information
Weight | 0.3 g |
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