बालकों की बातें/ Balakon ki baten

40.00

Description

बालकों को प्रतिदिन खेलना ही चाहिये खेलने से खाया हुआ पच जाता है, खेलने से मन प्रसन्न रहता है। खेलने से नये-नये भाई-बन्धु मिलते हैं, खेलने से हाथ, पैर, आँख, कान आदि की चतुराई बढ़ती है, खेलने से बातचीत करनी आती है, खेलने से हिम्मत बढ़ती है और खेलने से मजे की नींद आती है।

Additional information

Weight 0.2 kg

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