Description
इस प्रस्तुत पुस्तक में “भगवान के दिव्य श्री विग्रह का दर्शन” एवं ‘भगवान के बाल स्वरूप का ध्यान’ लेख श्री भाईजी के अनन्य सेवक गोलोक वासी श्री गंभीर चंदजी दुजारी की डायरी से संकलित है और शेष लेख श्रीभाई जी के प्रवचनों को श्री व्रजदेव जी दुबे द्वारा लिपिबद्ध किया गया है| इस संग्रह में व्यवहारिक बातों से लेकर साधन जगत के उच्चतम विषयों का बहुत ही सरल, सरस एवं बोधगम्य भाषा में वर्णन है|
Additional information
Weight | 0.3 g |
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