पंचांग पूजन पद्धति/ Panchang Poojan Paddhati

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Description

भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति में देवाराधना, देवोपासना और साधना का सर्वोपरि महत्त्व है। आराधना में आराध्य और आराधक, उपासना में उपास्य और उपासक व साधना में साध्य और साधक का अभेद सम्बन्ध है। विषय की दृष्टि से वेद मन्त्रों के तीन काण्ड हैं जिसमें कर्मकाण्ड, उपासनाकाण्ड और ज्ञानकाण्ड शामिल हैं। इन्हीं के आधार पर सभी प्रकार के पूजन किए जाते हैं। मांगलिक कार्यों, शुभकार्यों, यज्ञ, अनुष्ठान, व्रत-पर्वोत्सव, उद्यापन, उपनयन, विवाह आदि संस्कारों में इस पुस्तक की सहायता से पूजन किया जा सकता है। पंचांग-पूजन में स्वस्तिवाचन, शान्तिपाठ, गणेश पूजन, कलश स्थापन, पुण्याहवाचन, षोडशमातृकापूजन, सप्तघृतमातृकापूजन, रक्षाविधान एवं आयुष्यमन्त्रपाठ, नवग्रहमण्डलपूजन, तथा ब्राह्मणवरण आदि समाहित है।

Additional information

Weight 0.3 kg

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