नित्ययोग की प्राप्ति/ Nityayog ki Prapti

22.00

जो हमसे कभी अलग न हो सके और हम जिससे कभी अलग न हो सकें, वह तत्व क्या है, उस तच्चका अनुभव कैसे हो, उसके अनुभवमें जो बाधाएँ हैं, उनका निवारण कैसे हो -यह विषय परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराज अपने प्रवचनोंमें बड़ी सरलतापूर्वक अनेक प्रकारसे समझाया करते हैं । ऐसे कुछ विशेष प्रवचनोंका संग्रह आवश्यक संशोधनके साथ ‘ नित्ययोगकी प्राप्ति ‘ पुस्तकके रूपमें साधकोंकी सेवामें प्रस्तुत है । इन प्रवचनोंमें साधकोंको साधन तथा साध्यके विषयमें अनेक प्रेरणाप्रद विलक्षण बातें मिलेंगी । साधकोंसे प्रार्थना है कि वे गम्भीरतापूर्वक इस पुस्तकका अध्ययन करके लाभान्वित हों ।

Description

जो हमसे कभी अलग न हो सके और हम जिससे कभी अलग न हो सकें, वह तत्व क्या है, उस तच्चका अनुभव कैसे हो, उसके अनुभवमें जो बाधाएँ हैं, उनका निवारण कैसे हो -यह विषय परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराज अपने प्रवचनोंमें बड़ी सरलतापूर्वक अनेक प्रकारसे समझाया करते हैं । ऐसे कुछ विशेष प्रवचनोंका संग्रह आवश्यक संशोधनके साथ ‘ नित्ययोगकी प्राप्ति ‘ पुस्तकके रूपमें साधकोंकी सेवामें प्रस्तुत है । इन प्रवचनोंमें साधकोंको साधन तथा साध्यके विषयमें अनेक प्रेरणाप्रद विलक्षण बातें मिलेंगी । साधकोंसे प्रार्थना है कि वे गम्भीरतापूर्वक इस पुस्तकका अध्ययन करके लाभान्वित हों ।

Additional information

Weight 0.2 g

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “नित्ययोग की प्राप्ति/ Nityayog ki Prapti”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related products