Description
साकार और निराकार दोनों ही की उपासनाओं में ध्यान सबसे आवश्यक और महत्त्वपूर्ण साधन है। श्रीभगवान् ने गीता में ध्यान की बड़ी महिमा गायी है। जहाँ कहीं उनका उच्चतम उपदेश है, वहीं उन्होंने मन को अपने में (भगवान में) प्रवेश करा देने के लिये अर्जुन के प्रति आज्ञा की है।
Additional information
Weight | 0.1 kg |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.