Description
नित्य परिव्राजक देवर्षि नारद का कार्य अपनी वीणा की मनोहर झंकार के साथ भगवद्गुणों का गान तथा लोगों में भगवद्भक्ति का प्रचार है। ये द्वादश भागवतों में प्रमुख हैं। प्रस्तुत पुस्तक में इनके जन्म-कर्म का विस्तृत परिचय दिया गया है। भक्ति के परमाचार्य देवर्षि नारद के चरित्र के पठन-पाठन से मन में सात्त्विक भावों के सहज सञ्चार के साथ भगवद्भक्ति का विकास होता है।
Additional information
| Weight | 0.3 g |
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