Description
भारत वर्ष में भक्तिकालके बाद जिन सन्तों -महात्माओं द्व्रारा समाज को सन्मार्ग पर प्रेरित करनेका बहुयामी प्रयास किया गया उनमें ‘भाईजी ‘ श्री हनुमान प्रसादजी पोद्दार का नाम अग्रगण्य है | सामाजिक कार्यों के साथ -साथ साधनाके उच्चताम स्तर पर पहुँचे हुए बिरले लोगों में वे थे | और उनका ह्रदय श्रीराधा -माधव की क्रीड़ा -स्थली बन गया था और उनका जीवन -व्यवहार स्वयं श्रीकृष्ण कर रहे थे |
Additional information
Weight | 0.3 kg |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.