Description
“जय जय प्रियतम” श्री राधा बाबा द्वारा रचित एक अद्वितीय आध्यात्मिक काव्य संग्रह है, जो ब्रज रस, राधा-कृष्ण प्रेम और महाभाव की गहराइयों में डूबा हुआ है। यह ग्रंथ न केवल एक साहित्यिक कृति है, बल्कि एक साधक के हृदय की गूढ़ अनुभूतियों का प्रतिबिंब भी है।
इस पुस्तक में राधा बाबा ने अपने आत्मानुभवों, भक्ति भावनाओं और ब्रज की लीलाओं को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक ब्रजभूमि की आध्यात्मिकता और रसमयता का अनुभव कर सकते हैं।
✨ मुख्य विशेषताएँ:
-
भक्ति रस से परिपूर्ण: पुस्तक में राधा-कृष्ण की लीलाओं, प्रेम और विरह की भावनाओं का सुंदर चित्रण है।
-
काव्यात्मक शैली: श्री राधा बाबा की लेखनी में ब्रज भाषा की मिठास और आध्यात्मिकता का संगम है।
-
साधकों के लिए मार्गदर्शक: यह ग्रंथ भक्ति मार्ग के साधकों को गहन अनुभूतियों और साधना के मार्ग पर प्रेरित करता है 📖 पुस्तक की विषयवस्तु:
-
राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन: ब्रजभूमि में घटित लीलाओं का काव्यात्मक चित्रण।
-
विरह और मिलन की भावनाएँ: प्रेम में विरह की पीड़ा और मिलन की आनंदमयी अनुभूतियाँ।
-
साधना और भक्ति का मार्ग: एक साधक के दृष्टिकोण से भक्ति मार्ग की व्याख्या।
यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो:
-
राधा-कृष्ण की लीलाओं और ब्रज रस में रुचि रखते हैं।
-
भक्ति मार्ग के साधक हैं और गहन अनुभूतियों की तलाश में हैं।
-
काव्यात्मक शैली में आध्यात्मिकता का अनुभव करना चाहते हैं।
-
Additional information
Weight | 0.3 g |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.