Description
यह ग्रन्थ “गौड़ीय वैष्णव बनिये”— गौड़ीय आचार्यों की शिक्षाओं तथा सम्पदा को प्रकाशित करता है। यह ग्रन्थ वास्तविक गौड़ीय वैष्णव सिद्धान्त का अति सरल रूप से उल्लेख करता है । यद्यपि यह ग्रन्थ छोटा प्रतीत हो सकता है, किन्तु वास्तव में यह अति गहन है… यह वास्तव में अनेक गौड़ीय शास्त्रों का “मर्म” है, “रत्नों का भण्डार” है । यह ग्रन्थ वास्तव में हमें यह अनुभव करवायेगा कि गौड़ीय वैष्णव बनना कोई समृद्धि नहीं… कोई विकल्प नहीं, अपितु नितान्त आवश्यकता है। जो सर्वोच्च आस्वादन प्राप्त करना चाहता है, उसके लिये केवल यही एक और एकमात्र उपाय है। कभी न कभी व्यक्ति निश्चित रूप से यह अनुभव करेगा, कि यह पवित्र ग्रन्थ उसके सर्वोच्च रसास्वादन करने के परम आकांक्षीय, नित्य अभिलषित स्वप्न के मार्ग पर चलने के लिये “मार्गदर्शक” है। यह शास्त्र सभी के लिए एक “अमूल्य सम्पदा” है ! इस ग्रन्थ का सत्यता से संग करने से, हम निश्चित रूप से, वास्तविक गौड़ीय वैष्णव बन पायेंगे !!
Additional information
Weight | 0.2 g |
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