कल्याण कैसे हो ?/ kalyan Kaise ho?

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Description

 इस लेख में अनुभवसिद्ध तत्त्वोंका विवेचन और आदर्श सदगुणोंका प्रदर्शन बड़े ही सुन्दर ढंगसे किया गया है । आसुरी दुर्गुणोंसे छूटकर अपनी ऐहिक और पारलौकिक उन्नति चाहनेवाले और मनुष्यजीवनमें परम ध्येयकी प्राप्ति करनेकी इच्छा रखनेवाले प्रत्येक नरनारीको इस अन्धका अध्ययन और मनन करना चाहिये । आशा है, मेरे इस निवेदनपर सब लोग ध्यान देंगे ।

श्री मद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि मानव जीवन का एकमात्र उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार करना है। मनुष्य की आत्मा परम सत्य को जानने के बाद जीवन मुक्ति की अधिकारी हो जाती है और मनुष्य इस संसार समुद्र से पूर्णतया मुक्त होकर पुनः संसार चक्र में नहीं फँसता।

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