करुणा बेली/ Karuna Beli

50.00

Description

ब्रज रस भक्ति धारा की रस वारिधी को और अधिक प्रखर करने में चाचा श्री हित वृंदावन दास जी का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। चाचा श्री हित वृंदावन दास जी का जन्म 1694 में श्याम सुंदर की क्रीडा स्थली ब्रजधाम के किसी ग्रामाँंचल में गौड़-ब्राम्हण कुल में हुआ। आप बाल्यकाल से ही दिव्य गुणों से युक्त एवं प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी थे।
वृंदावन दास नाम आपको गुरुदेव कृपा से प्राप्त है। बचपन में ही माता-पिता के साथ आर्थिक स्थिति सदृढ़ न होने के कारण श्री वृंदावन धाम आ गए और गोस्वामी श्री रूपलाल जी महाराज के आश्रय में रहने लगे। गुरुदेव भगवान की कृपा से ही संपूर्ण शास्त्रों का अध्ययन किया। कहते हैं कि आप जब गुरुदेव भगवान के गृह में निवास करते थे उस समय गुरुवर्य श्री रूपलाल जी के प्रिय पौत्र गोस्वामी श्री लाडली लालजी, जो कि युवा थे, आपको नाम लेकर पुकारते।  यह बात वृंदावन दास जी को पुत्रवत स्नेह एवं सम्मान देने वाले गुरु जी को उचित प्रतीत नहीं होती। इसलिए एक दिन गुरु जी ने अपने पौत्र को समझाते हुए कहा कि तुम इन्हें नाम से ना पुकार कर चाचा जी कहा करो। उसी समय से अन्य सभी लोग चाचा जी कहकर पुकारने लगे।

Additional information

Weight 0.3 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.