Description
ऐतरेय उपनिषद एक ऋग्वेदीय उपनिषद है। ऋग्वेदीय ऐतरेय आरण्यक के अन्तर्गत द्वितीय आरण्यक के अध्याय 4, 5 और 6. का नाम ऐतरेयोपनिषद् है। यह उपनिषद् ब्रह्मविद्याप्रधान है।
ब्रह्मविद्या प्रधान इस उपनिषद में संन्यास और ज्ञान को ही मोक्ष का हेतु बतलाया गया है। सानुवाद, शांकरभाष्य।
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