Description
रहीम से प्रभावित होकर स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज ने एकाग्र
रहीम कहते हैं कि पहले एक काम पूरा करने की ओर ध्यान देना चाहिए। बहुत से काम एक साथ शुरू करने से कोई भी काम ढंग से नहीं हो पता, वे सब अधूरे से रह जाते हैं। एक ही काम एक बार में किया जाना ठीक है। जैसे एक ही पेड़ की जड़ को अच्छी तरह सींचा जाए तो उसका तना, शाख़ाएँ, पत्ते, फल-फूल सब हरे-भरे रहते हैं।
मन को एक समय में एम विषय पर केंद्रित किया जाए तो उसमें असफलता असंदिग्ध है। एक समय में अनेक विषयों में बुद्धि लगाने से किसी में भी सफलता अर्जित नहीं की जा सकती। कहा भी गया है कि जो आधे को छोड़ पूरे के चक्कर में भागता है, उसे पूरा तो नहीं मिलता, आधे से भी हाथ धो बैठता है। सदैव एकल सिद्धि करनी चाहिए, इसी से सब सिद्ध हो जाता है।
Additional information
| Weight | 0.3 g |
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