आध्यात्मिक प्रवचन\Aadhyatmik Pravachan

25.00

Description

यावंमात्र जीवो की सेवा करनी चाहिए और उनको सुख पाना चाहिए | परमात्मा को हर समय याद रखने की चेष्टा करनी चाहिए। एक बात के धारणा करने से सब बातें आ जाएं- ऐसी बात विवेक पूर्वक वैराग्य हैं जिनका वैराग्य हो गया, उनको सब कुछ हो गया

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