Description
आत्मोद्धार का सबसे सरल तथा सहज उपाय यह है कि मन को जगत के साथ साथ जगदीश में भी जोड़िए। मन को केवल जगदीश में जोड़ना संभव नही है। उसी प्रकार से जगदीश में यदि संबंध जोड़ लेते हैं तो सही मायने में हमें जगत का संबंध पास कर लेगा। जगत का व्यवहार हमें पास कर देगा।
इसलिए जगत की व्यवस्था में रहें लेकिन जगदीश से संबध जोड़ कर रहें। कहीं किसी कारण से जाने अनजाने में बुरी आदत जो हो उसको त्यागिए। हर पल, हर क्षण उसके जीवन का कार्य हमारा भजन बन जाएगा। श्रीमद्भागवत महापुराण में बताया गया है बंधन और मोक्ष का कारण मन है। यदि जगदीश में फंसा हुआ है तो मोक्ष है। यदि मन कहीं जगत में फंसा हुआ है तो बंधन है। मोक्ष का सरल और सहज साधन मन है। मन को अपने आप में दुनिया से समेट लिए तो ठीक है। यदि मन को दुनिया में लगा दिए तो कहीं न कहीं उलझन में फंसना जरूरी है। सत्य ही नारायण हैं और नारायण ही सत्य हैं।
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