Description
इतने ब्रह्मपदों के वर्णन कर ‘परब्रह्मस्वरूप अयोध्या भगवंत का शीर्षकमल है’, ऐसा ऋषियों ने अयोध्या का वर्णन किया है । इससे समझ में आता है कि ये सप्तपुरी साक्षात भगवान श्रीविष्णु की देह है । हमारी भारतभूमि में साक्षात ईश्वर का वास है । इससे ध्यान में आता है कि भारत में जन्म लेना कितना बडा भाग्य है ।16
“अयोध्या-महात्म्य” एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक पुराण है जो अयोध्या नामक पवित्र नगरी के महत्व को बताता है। इस पुराण में अयोध्या के ऐतिहासिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक महत्व का वर्णन किया गया है।
“अयोध्या-महात्म्य” में अयोध्या के इतिहास, विभिन्न मंदिरों और तीर्थ स्थलों का वर्णन, उनके महत्व, और उनके पीछे चिपी रहस्यों को समेटा गया है। यह पुराण अयोध्या के पुरातात्विक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है।
अयोध्या का उल्लेख वेद, पुराण, रामायण, और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। इसे भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में भी जाना जाता है, और यह एक प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल है जो लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
अयोध्या के सम्बंध में कई पुराण और ऐतिहासिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णन किया गया है, और इनमें “अयोध्या-महात्म्य” एक प्रमुख ग्रंथ है जो इस नगरी के महत्व को समझने में मदद करता है।
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