अमृत – कण/ Amrit- Kan

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भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके लेखोंका एक और सुन्दर संग्रह आपकी सेवामें प्रस्तुत किया जा रहा है। ये लेख समयसमयपर ‘कल्याणमें प्रकाशित हुए हैं । इस संग्रहमें कतिपय स्फुट विषयोंके साथसाथ आध्यात्मिक साधनसम्बन्धी अतिशय उपादेय ठोस सामग्रीका भी समावेश हुआ है। व्यक्तिके जीवनका प्रभाव सर्वोपरि होता है और वह अमोघ होता है। श्रीभाईजी अध्यात्मसाधनकी उस परमोच्च स्थितिमें पहुँच गये थेजहाँ पहुँचे हुए व्यक्तिके जीवनसे जगत्कापरमार्थके पथपर बढ़ते हुए जिज्ञासुओं एवं साधकोंका मङ्गल होता है। हमारा विश्वास है कि जो व्यक्ति इन लेखोंको मननपूर्वक पढ़ेंगे एवं अपने जीवनमें उन बातोंको उतारनेका प्रयत्न करेगेउनको व्यवहार एवं परमार्थमें निश्चय ही विशेष सफलता प्राप्त होगी।

Description

भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके लेखोंका एक और सुन्दर संग्रह आपकी सेवामें प्रस्तुत किया जा रहा है। ये लेख समयसमयपर ‘कल्याणमें प्रकाशित हुए हैं । इस संग्रहमें कतिपय स्फुट विषयोंके साथसाथ आध्यात्मिक साधनसम्बन्धी अतिशय उपादेय ठोस सामग्रीका भी समावेश हुआ है। व्यक्तिके जीवनका प्रभाव सर्वोपरि होता है और वह अमोघ होता है। श्रीभाईजी अध्यात्मसाधनकी उस परमोच्च स्थितिमें पहुँच गये थेजहाँ पहुँचे हुए व्यक्तिके जीवनसे जगत्कापरमार्थके पथपर बढ़ते हुए जिज्ञासुओं एवं साधकोंका मङ्गल होता है। हमारा विश्वास है कि जो व्यक्ति इन लेखोंको मननपूर्वक पढ़ेंगे एवं अपने जीवनमें उन बातोंको उतारनेका प्रयत्न करेगेउनको व्यवहार एवं परमार्थमें निश्चय ही विशेष सफलता प्राप्त होगी।

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