Description
अथवृवेद आथत्म ज्योतिषी धार्मिक और लेलिक ज्ञान का अनुपम समन्वय
अनेक प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों का वर्णन अथर्ववेद में है। अथर्ववेद गृहस्थाश्रम के अंदर पति-पत्नी के कर्त्तव्यों तथा विवाह के नियमों, मान-मर्यादाओं का उत्तम विवेचन करता है। अथर्ववेद में ब्रह्म की उपासना संबन्धी बहुत से मन्त्र हैं।
सामवेद हृदय का वेद है और अथर्ववेद उदर-पेट का वेद है। उदर विकारों से ही नाना प्रकार के विकार उत्पन्न होते हैं। इस वेद में नाना प्रकार की ओषधियों का वर्णन करके शरीर को नीरोग, स्वस्थ और शान्त रखने के उपायों का वर्णन है।
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