Description
“श्री श्री आश्चर्य रास प्रबन्ध” एक प्रसिद्ध हिंदी ग्रंथ है, जो भक्ति और आध्यात्मिकता के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं को समर्पित है। यह ग्रंथ आचार्य श्री अच्युतानंद नन्द जी के द्वारा लिखा गया है और इसमें भगवान कृष्ण के रासलीला की महिमा और उनके विचारों को विस्तार से वर्णित किया गया है।
“आश्चर्य रास प्रबन्ध” का मतलब है “आश्चर्य की रासलीला का विस्तार”। यह ग्रंथ भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं, विचारों, और उनके अद्वितीयता को समझाने का प्रयास करता है। इसमें उनकी रासलीला की रहस्यमयी और आध्यात्मिक गहराई को समझाने के लिए विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है।
“आश्चर्य रास प्रबन्ध” में भगवान कृष्ण के आश्चर्यजनक लीलाओं के वर्णन के साथ-साथ उनकी महिमा, भक्ति, और प्रेम का महत्त्व भी दिया गया है। इस ग्रंथ का पाठ करके भक्त अपने मन को शुद्ध करते हैं, भगवान के प्रति भक्ति और आदर बढ़ाते हैं, और उनकी लीलाओं के माध्यम से आत्मिक आनंद का अनुभव करते हैं।
प्रबन्ध बिरज की रास बात परंपरा कहेवे ते ऐसे लगे हे कि काऊ स्थान पे हु रस होये हे या वाकी कोए अलग परंपरा हे
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