श्रीराधामाधव – अङ्क कल्याण/ Shri Radha Madhav Anka- Kalyan

280.00

Description

जीवन में भगत्प्रेम, सेवा, त्याग, वैराग्य, सत्य, अहिंसा, विनय, प्रेम, उदारता, दानशीलता, दया, धर्म, नीति, सदाचार और शान्ति का प्रकाश भर देने वाली सरल, सुरुचिपूर्ण, सत्प्रेरणादायी छोटी-छोटी सत्कथाओं का संकलन कल्याण का यह विशेषांक सर्वदा अपने पास रखने योग्य है।

भगवत्कृपा से कल्याण का प्रकाशन ईस्वी सन 1926 से लगातार हो रहा है। इस पत्रिका के आद्य संपादक नित्यलीलालीन भाईजी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार थे। कल्याण के प्रथम अंक में प्रकाशित संपादकीय वक्तव्य पठन सामग्री में उधृत है।

नित्यलीलालीन (भाईजी) श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार द्वारा प्रणीत यह अनुपम ग्रन्थ-रत्न है। इसमें श्री राधाकृष्ण का अलौकिक प्रेम ही श्रीराधामाधव-अङ्क के रूप में प्रस्फुटित है। भक्ति और शास्त्रीय चिन्तन के अद्भुत समन्वय के साथ यह ग्रन्थ-रत्न सात प्रकरणों में विभक्त है। श्रीराधा, श्रीकृष्ण, श्रीराधामाधव, भावराज्य-लीला-रहस्य, प्रेम-तत्त्व, गोपाङ्गना और प्रकीर्ण-ये सातों प्रकरण मुक्ति के सप्त सोपान के रूप में भगवत्-तत्त्वका सरस, हृदयग्राही प्रतिपादन करते हैं। यह ग्रन्थ साधकों, श्रद्धालुओं, व्रज-रस-रसिकों के लिये नित्य स्वाध्याय एवं संग्रहका विषय है। भक्तों के लिए सचित्र 506 पेज में प्रस्तुत है।

Additional information

Weight 1.5 kg

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